गरीबी में गोलगप्पा बने रहने से कुछ नहीं होगा, म्यूचुअल फंड से मोटी कमाई, जानें कैसे

Masaledar Golgappa: क्या आप अपनी मेहनत की कमाई से बचत करने के बाद भी इतना पैसा नहीं जमा कर पा रहे हैं, जो इमरजेंसी में काम आ सके? क्या इमरजेंसी आने पर आपको किसी के सामने हाथ फैलाना पड़ता है? आप अपनी आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए क्या आरडी (रेकरिंग डिपॉजिट) जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीम में पैसा जमा करते हैं और उससे आपकी जरूरतें पूरी नहीं हो पातीं? अगर आपके जीवन में ऐसा होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. गरीबी में यह सोचकर गोलगप्पा जैसे मुंह बनाकर नहीं बैठ जाना चाहिए कि हमारी किस्मत में यही बदा है. अगर स्मॉल सेविंग्स स्कीम में पैसा जमा करने से आपको जरूरत पर पैसा नहीं मिल पाता है, तो बचत के दूसरे तरीके भी हैं. इन्हीं दूसरे तरीके में म्यूचुअल फंड भी शामिल है. इसमें पैसा लगाने पर आपको मोटी कमाई भी होगी और लंबे समय तक पैसा जमा करने पर रिटायरमेंट के लिए एक बड़ा फंड भी तैयार हो जाएगा. अब आप कहेंगे कैसे? तो आइए, इसके बारे में हम विस्तार से जानते हैं.

म्यूचुअल फंड क्या है?

म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने से पहले आपको इसके बारे में जान लेना चाहिए. नहीं जानने की स्थिति में आपको किसी से पूछने की भी नौबत आ सकती है. आपको बताएं कि म्यूचुअल फंड निवेश का ऐसा साधन है, जिसमें कई निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके उसे शेयर, बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियों या दूसरी परिसंपत्तियों (assets) में लगाया जाता है. इस फंड का प्रबंधन एक पेशेवर फंड मैनेजर करता है. आसान शब्दों में समझें, तो म्यूचुअल फंड एक तरह की “पूलिंग सिस्टम” है. मान लीजिए कि कई लोग मिलकर एक तिजोरी में पैसे डालते हैं और फिर कोई जानकार व्यक्ति उस पैसे को अच्छे निवेश में लगाता है, ताकि सभी को बराबर-बराबर मुनाफा हो.

कैसे काम करता है म्यूचुअल फंड

अब आप कहेंगे कि म्यूचुअल फंड के बारे में आपने बता दिया, लेकिन ये कैसे काम करता है? इस सवाल का जवाब यह है कि किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेशक पैसा लगाते हैं और वह पैसा एकत्र होने के बाद एक फंड बनता है. अब फंड मैनेजर उस पैसे से विभिन्न कंपनियों के शेयर, बॉन्ड आदि खरीदते हैं. इन शेयरों और बॉन्डों में निवेश करने से जो रिटर्न मिलता है, वह सभी निवेशकों में उनके निवेश के अनुपात में बांट दिया जाता है.

कितने प्रकार के होते हैं म्यूचुअल फंड

मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड के चार प्रकार होते हैं. इनमें इक्विटी फंड, डेट फंड, हाइब्रिड फंड और एसआईपी शामिल हैं.

  • इक्विटी फंड: इसके जरिए शेयर बाजार में निवेश किया जाता है. इसमें जोखिम अधिक होता है, लेकिन रिटर्न भी बेहतर हो सकता है.
  • डेट फंड: इसके जरिए सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड आदि में निवेश किया जाता है. इसमें जोखिम कम होता है.
  • हाइब्रिड फंड: इसके जरिए संतुलित जोखिम के साथ किसी कंपनी के शेयर और बॉन्ड दोनों में निवेश किया है.
  • एसआईपी: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को संक्षेप में एसआईपी कहा जाता है. इसके जरिए म्यूचुअल फंडों में हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा निवेश किया जाता है. यह लंबे समय में अधिक रिटर्न देता है.

म्यूचुअल फंड के फायदे

म्यूचुअल फंड का फायदा यह है कि आपके पैसों का पेशेवर तरीके से प्रबंधन किया जाता है. इसमें विविधता भी होती है. बाजार जोखिमों को कम करने के लिए निवेशकों का पैसा कई जगहों पर लगाया जाता है. इसमें निवेश करना आसान और पारदर्शी है. म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने के बाद आपको कोई धोखा नहीं दे सकता. सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप म्यूचुअल फंड में हर महीने 500 रुपये जमा करके भी शुरुआत कर सकते हैं.

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म्यूचुअल फंड से कैसे होगी कमाई

अगर आप म्यूचुअल फंड के जरिए हर महीने 500 रुपये जमा करते हैं, तो आपको इस पर करीब 12% की दर से रिटर्न मिलेगा. अब हर महीने 500 रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर अगले 10 साल में आपके खाते में करीब 60,000 रुपये जमा होंगे. इस पर आपको 12% की दर से करीब 52,018 रुपये का रिटर्न मिलेगा. अब इन दोनों को जोड़ देंगे, तो आपके खाते में करीब 1,12,018 रुपये जमा हो जाएंगे. वहीं, अगर आप 5000 रुपये हर महीने जमा करेंगे, तो 10 साल में आपके पास करीब 11,20,179 रुपये का बड़ा फंड तैयार हो जाएगा.

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