क्या बन रहे हैं नए कट्टरपंथी भर्ती केंद्र? Online Gaming

Online Gaming: एक हालिया अध्ययन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि ‘स्टीम’, ‘डिस्कॉर्ड’ और ‘ट्विच’ (Steam, Discord और Twitch) जैसे गेमिंग प्लैटफॉर्म्स केवल मनोरंजन का साधन नहीं रह गए हैं, बल्कि अब ये युवा और प्रभावशाली यूजर्स तक चरमपंथी समूहों की सीधी पहुंच का माध्यम बन चुके हैं. ये प्लैटफॉर्मयूजर्स को गेमिंग के साथ-साथ चैट और लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा देते हैं, जिससे चरमपंथियों को बातचीत और विचारधारा फैलाने का अवसर मिलता है.

तेजी से बढ़ रहा यूजर बेस, नये लोगों तक पहुंचने में चरमपंथियों को आसानी

यह अध्ययन ‘फ्रंटियर्स ऑफ साइकोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है, जिसमें ब्रिटेन के Anglia Ruskin University के वरिष्ठ अध्येता William Allchorn ने भी सहयोग किया. अध्ययन में यह उल्लेख किया गया है कि Discord और Twitch गेमिंग का यूजर बेस तेजी से बढ़ रहा है, जिससे चरमपंथी नये दर्शकों तक पहुंचने में सफल हो रहे हैं. खासकर दक्षिणपंथी उग्रवाद, जिसमें नव-नाजी और यहूदी-विरोधी विचार शामिल हैं, इन प्लैटफॉर्म्स पर प्रमुखता से देखे जा रहे हैं.

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नियमों में ढील का उठाते हैं फायदा

शोध में यह भी पाया गया कि ये प्लैटफॉर्म तकनीकी रूप से अपेक्षाकृत कम विनियमित हैं, जिससे कट्टरपंथी विचारों का प्रचार करना आसान हो जाता है. इसके अलावा, कुछ विशिष्ट प्रकार के गेम्स जैसे फर्स्ट-पर्सन शूटर, जो मस्कुलिन और हिंसात्मक शैली को दर्शाते हैं, चरमपंथियों को आकर्षित करने का साधन बन रहे हैं.

सख्त पॉलिसीज और यूजर्स की जागरूकता बेहद जरूरी

विशेषज्ञों के अनुसार इन समस्याओं से निपटने के लिए AI आधारित मॉडरेशन, सख्त प्लैटफॉर्म पॉलिसीज और उपभोक्ता जागरूकता बेहद जरूरी हैं. यह एक ऐसा डिजिटल खतरा है, जो युवा वर्ग को निशाना बनाकर समाज में कट्टरपंथ फैलाने की कोशिश करता है.

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