Premanand Ji Maharaj के ये 5 टिप्स बच्चों को देने चाहिए — संस्कारों की नींव यहीं से

Premanand Ji Maharaj : संत श्री प्रेमानंद जी महाराज आज के युग में लाखों लोगों के जीवन को भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति, वैराग्य और सच्चे धर्म के मार्ग से जोड़ रहे हैं. उनका संदेश केवल बड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चों के लिए भी एक अमूल्य धरोहर है. संस्कार अगर बचपन में डाले जाएं, तो बच्चे जीवनभर धर्म, मर्यादा और आत्मिक बल के साथ आगे बढ़ते हैं. आइए जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज द्वारा बताए गए ऐसे सरल लेकिन प्रभावशाली संस्कारिक टिप्स, जिन्हें हर माता-पिता को अपने बच्चों को सिखाना चाहिए:-

– भगवान का नाम लेना

प्रेमानंद जी महाराज बार-बार कहते हैं कि बचपन से ही बच्चों को “राधे-राधे” या “श्रीकृष्ण” नाम का जप करना सिखाएं. जैसे ही बच्चा सुबह उठे, उसका पहला शब्द भगवान का नाम होना चाहिए.

– सादा जीवन, उच्च विचार

महाराज जी बच्चों को सिखाते हैं कि भोग नहीं, योग में सुख है. उन्हें भौतिक सुखों के पीछे भागने की बजाय ईमानदारी, सच्चाई और संतोष का मूल्य समझाएं.

– भक्तों की संगति

प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि संगति का प्रभाव बच्चे पर सबसे अधिक पड़ता है. उन्हें टीवी और मोबाइल से निकालकर सत्संग, भजन और कथा में बैठने की आदत डालनी चाहिए.

– प्रार्थना और ध्यान का अभ्यास

महाराज जी बच्चों को सुबह और रात में 2-5 मिनट शांत बैठकर भगवान से बात करने की शिक्षा देते हैं. यह अभ्यास धीरे-धीरे उन्हें अंदर से मजबूत और आत्मविश्वासी बनाता है.

– आहार में सात्त्विकता

प्रेमानंद जी महाराज बच्चों को बताते हैं कि जैसा भोजन, वैसा मन. बच्चों को मांसाहार, फास्ट फूड और अधिक तामसिक भोजन से दूर रखकर, घर का बना शुद्ध सात्त्विक भोजन देने की प्रेरणा दें.

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प्रेमानंद जी महाराज के ये सरल लेकिन गहरे टिप्स बच्चों में भक्ति, चरित्र और संयम की नींव रखते हैं. अगर माता-पिता अपने बच्चों में ये संस्कार डालें, तो वे न केवल सफल इंसान बनते हैं, बल्कि समाज और धर्म के प्रति भी जागरूक रहते हैं.

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