Kailash Kher Birthday Special:अपने गानों से तहलका मचाने वाले कैलाश खैर कभी 50 रुपए में गाते थे, फिर सुसाइड करना का सोचा, जानिए आज कितनी संपत्ति के है मालिक
Kailash Kher Birthday Special: कभी सुसाइड का सोचा तो कभी कई अलग अलग चीजों में किस्मत अजमाईं. असफलता पे असफलता मिलती गई लेकिन फिर ऐसी पहचान बनाई कि दुनिया देखती रह गई.
कैलाश खेर ने 12 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था और दिल्ली आ गए. 8-10 साल यहीं रहेय इस दौरान कभी दर्जी तो कभी ट्रक ड्राइवर बने. 150 रुपए महीने पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया, साल भर प्रिंटिंग प्रेस में काम किया था जिसके बाद पैसे भी नहीं मिले.
जब 20 साल के हुए तो दोस्त के साथ मिलकर हैंडी क्राफ्ट का बिजनेस शुरू किया, लेकिन बिजनेस नहीं चली. इसके बाद कैलाश को अपने पिता की बात याद आई. उनके पिता कैलाश को अपनी ही तरह कर्मकांड पंडित बनाना चाहते थे. आप की अदालत में एक बार कैलाश खैर ने बताया था कि मैं सोच रहा था कि कर्मकांड सीखकर सिंगापुर या मॉरीशस सेटल हो जाऊंगा. विदेश में जाकर पंडित बनता तो वहां इनकम अच्छी होती.
कैलाश खैर सोसाइड करने निकल पड़े
जब हर चीज में फेल हो रहे थे तो सुसाइड करना का भी सोचा. कैलाश खैल ने खूद बताया था कि उन्होनें एक दिन गंगा नदी में कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन गंगा घाट पर मौजूद मेरे सीनियर ने बचा लिया. उसने पूछा कि तैरना नहीं आता है तो कूद क्यों गए? मैंने कहा कि आत्महत्या करना चाहता हूं, इस पर उसने सिर पर जोर से टपली मारी. सिंगर बताते है कि उस टपली ने जिंदगी की कीमत सिखा दी और ठान लिया कि अब जीवन में कुछ करना है.
ऐसी हुई करियर की शुरूआत
इसके बाद मैंने ऋषिकेश में घाट पर गाना शुरू किया, उस दौरान मुझे एक गाने के 50 रुपए मिल जाते थे. कैलाश खैल ने जिक्र करते हुए कहा था कि जब ऋषिकेश में आरती के समय मैं गाता था तब संत अपने दुशाले लहराकर नाचते थे. तभी मेरे हृदय में एक बात आई कि मैं तो कुछ जानता नहीं हूं, लेकिन जब मैं गाता हूं तो लोग झूमने लगते हैं.
उन्हीं लोगों में से एक स्वामी परिपूर्णानंद जी महाराज थे जिसने कहा बेटा हंसते क्यों नहीं हो? तुम गाते हो तो अलख जलती है. परमात्मा ने तुम्हें बहुत अलग रोशनी दी है, तुम जो भी गाते हो उसका एक एल्बम बनाना चाहिए, मैं तुमको एक पता देता हूं. यहीं से उनकी नई जर्नी शुरू हो गई.
कैलाश खेर का करियर
कैलाश खेर ऋषिकेश से 2001 में मुंबई विले पार्ले स्थित एक संन्यास आश्रम का पता लेकर मुंबई पहुंचे. कैलाश खेर ने बताया था उनके पास रहने की कोई जगह भी नहीं थी ना ही पैसे थे. खूब मेहनत की, स्टूडियोज के खूब चक्कर काटे. लेकिन कोई भी संगीतकार उनसे मिलने तक को तैयार नहीं होता था. इसके बाद उनकी मुलाकात संगीतकार राम संपत से हो गई.
उन्होंने पहला ब्रेक एक विज्ञापन गीत गाने के लिए दिया, नक्षत्र डायमंड्स का जिंगल गाया. जिसके लिए 5000 रुपए मिले थे. इसके बाद विज्ञापन गीतों (ऐड जिंगल्स) की लाइन लग गई. साल 2003 में संगीतकार विशाल शेखर ने फिल्म ‘वैसा भी होता है’ के गाने’अल्लाह के बंदे’ गीत गवाया.
सुपरहिट गाने
इस गाने ने घर-घर पहचान बना दी. इसके बाद ‘स्वदेस’ का गाना ‘यूं ही चला चल हो’ या ‘मंगल पांडे’ का गाना ‘मंगल मंगल हो’ देखते ही देखते सिंगर को एक पहचान मिल गई. कैलाश खेर ने बैक टू बैक कई सुपरहिट गाने गाए हैं. ‘ओ सिकंदर’, ‘या रब्बा’, ‘कैसी है ये उदासी’, ‘तुझे मैं प्यार करूं’, ‘दौलत-शोहरत’, ‘सईयां’, ‘जय जयकारा’, ‘बगड़बम बम’, ‘दामाद जी अंगना हैं’, ‘मेरे निशां’, ‘तेरी दीवानी’, ‘अल्लाह के बंदे’ जैसे कई गाने गाए हैं.
कैलाश खैर की नेटवर्थ
रिपोर्ट्स के मुताबिक कैलाश खेर एक गाने का 15 से 20 लाख रुपये चार्ज करते हैं. कैलाश खेर प्लेबैक सिंगिंग, जिंगल्स, कॉन्सर्ट, रियलिटी शो गेस्ट के तौर पर हर साल करोड़ों की कमाई करते हैं. कैलाश खेर की कुल नेटवर्थ 1,70 करोड़ रुपये के आसपास है.
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