ITR फाइल करने से पहले जानिए AIS और फॉर्म 26AS का फर्क
Tax Ka Totaka: वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस बार अंतिम तारीख 31 जुलाई की बजाय 15 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है. ITR फाइल करते समय एक जरूरी दस्तावेज वार्षिक सूचना विवरण (AIS) है, जिसे कुछ साल पहले आयकर विभाग ने पेश किया था. इसका उद्देश्य पारदर्शिता और आसान कर अनुपालन को बढ़ावा देना है.
AIS क्या है और यह कैसे काम करता है?
AIS एक डिजिटल रिपोर्ट है, जो आपके पूरे वर्ष के वित्तीय लेन-देन को ट्रैक करती है और यह सुनिश्चित करती है कि आपने सही आय घोषित की है. यह आपको किसी भी विसंगति को पहचानने और सुधारने का मौका देती है. AIS में करदाता के कई वित्तीय लेन-देन शामिल होते हैं.
- बैंक से प्राप्त ब्याज
- डिविडेंड (लाभांश) की आय
- म्यूचुअल फंड और शेयरों में ट्रेडिंग
- विदेशी लेन-देन
- क्रेडिट कार्ड खर्च, रियल एस्टेट लेनदेन आदि
AIS में यह डेटा भले ही TDS (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) या TCS (टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स) न हो, तब भी रिकॉर्ड होता है. इससे यह रिपोर्ट आपकी कुल आय की व्यापक तस्वीर पेश करती है. करदाता पोर्टल पर जाकर AIS रिपोर्ट को देख सकते हैं और उस पर प्रतिक्रिया (फीडबैक) भी दे सकते हैं. अगर कोई गलती है, तो आप उसका डिजिटल जवाब दे सकते हैं, जिसे विभाग विचार कर संशोधित करता है.
AIS देखने की प्रक्रिया
- AIS को देखने के लिए आप https://www.incometax.gov.in पर लॉग इन करें.
- ‘सर्विस’ सेक्शन में जाएं और ‘वार्षिक सूचना विवरण (AIS)’ पर क्लिक करें.
- अपनी पसंद के वित्तीय वर्ष का चयन करें.
- PDF या JSON फॉर्मेट में रिपोर्ट डाउनलोड करें.
फॉर्म 26AS क्या है?
फॉर्म 26AS एक पुराना लेकिन बेहद जरूरी दस्तावेज है. यह उन टैक्सों की जानकारी देता है, जो आपकी आय पर पहले ही कट चुके हैं या आपने खुद अदा किए हैं.
- वेतन या अन्य स्रोत से कटा हुआ TDS
- TCS (टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स)
- एडवांस टैक्स और सेल्फ-असेसमेंट टैक्स
- रिफंड की स्थिति
इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि आपके खाते में टैक्स का सटीक क्रेडिट दिखाई दे रहा है या नहीं.
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AIS और फॉर्म 26AS में क्या फर्क है?
AIS और फॉर्म 26AS के बीच मुख्य अंतर यह है कि AIS में करदाता के सभी प्रकार के वित्तीय लेन-देन जैसे ब्याज, लाभांश, शेयर और विदेशी लेन-देन की जानकारी होती है, जबकि फॉर्म 26AS केवल TDS, TCS और टैक्स पेमेंट्स से संबंधित विवरण प्रदान करता है. AIS का डेटा स्रोत बैंक, म्यूचुअल फंड और स्टॉक एक्सचेंज जैसे संस्थान होते हैं, जबकि फॉर्म 26AS का डेटा मुख्य रूप से नियोक्ता, बैंक और टैक्स विभाग से आता है. AIS में करदाता को रिपोर्ट की गई जानकारी पर प्रतिक्रिया देने की सुविधा होती है, जबकि फॉर्म 26AS में यह सुविधा नहीं मिलती.
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