Dividend Stocks: अगस्त में डिविडेंड की बहार, 90 से अधिक भारतीय कंपनियां बांटेंगी मुनाफा
Dividend Stocks: अगस्त का महीना भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए खास रहने वाला है, क्योंकि इस महीने 90 से ज़्यादा भारतीय कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफा बांटने जा रही हैं. इनमें ब्रिटानिया, गेल, कोल इंडिया, इंडियन ऑयल, हिंडाल्को जैसी कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं, जो निवेशकों को डिविडेंड के रूप में शानदार रिटर्न देने को तैयार हैं. 4 से 8 अगस्त के बीच ही करीब 90 कंपनियों के शेयर एक्स-डिविडेंड हो जाएंगे, जिसका मतलब है कि इन तारीखों से पहले शेयर खरीदने वाले ही डिविडेंड का लाभ ले पाएंगे. यह खबर उन निवेशकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो नियमित आय और पूंजीगत लाभ दोनों चाहते हैं, क्योंकि कंपनियाँ अपने मुनाफे का एक हिस्सा डिविडेंड के तौर पर देती हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति और निवेशकों के प्रति प्रतिबद्धता दिखती है. इस दौरान कुछ कंपनियां ₹0. 25 जैसे छोटे डिविडेंड से लेकर ₹100 तक का बड़ा भुगतान कर रही हैं, जबकि कुछ कंपनियों ने प्रति शेयर ₹500 से अधिक का फाइनल डिविडेंड भी घोषित किया है. ABB इंडिया और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों ने भी अपने डिविडेंड का ऐलान किया है, जिनकी रिकॉर्ड डेट अगस्त में ही है. यह समय निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करने और बेहतर रिटर्न के अवसरों की पहचान करने का एक शानदार मौका दे रहा है.
लाभांश क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
कंपनियां अपने शेयरधारकों को अपने लाभ का जो हिस्सा बांटती हैं, उसे लाभांश कहते हैं. यह भुगतान नकद, शेयरों या अन्य संपत्तियों के रूप में हो सकता है. कंपनियां कई कारणों से लाभांश देती हैं. एक कारण यह है कि यह निवेशकों को कंपनी में निवेश करने के लिए धन्यवाद देने का एक तरीका है. इसके अलावा, यह नए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भी एक तरीका हो सकता है, क्योंकि जो कंपनियां नियमित रूप से लाभांश देती हैं, उन्हें वित्तीय रूप से मजबूत माना जाता है. लाभांश कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य और सफलता का एक अच्छा संकेत माना जाता है. यह निवेशकों के लिए आय का एक स्थिर स्रोत प्रदान करता है और उन्हें अपने निवेश पर ठोस रिटर्न दिलाता है. आम तौर पर, लाभांश का भुगतान कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और उसकी लाभांश नीति के आधार पर तिमाही या सालाना होता है.
अगस्त में लाभांश की बहार: एक अवलोकन
अगस्त का महीना भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए लाभांश के लिहाज से काफी अच्छा रहने वाला है. 90 से ज़्यादा भारतीय कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफा बांटने वाली हैं. यह भारतीय अर्थव्यवस्था में कंपनियों के बढ़ते मुनाफे और निवेशकों को पुरस्कृत करने की उनकी इच्छा को दर्शाता है. यह निवेशकों के लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत होगा, खासकर ऐसे समय में जब बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
प्रमुख कंपनियां और उनके लाभांश
अगस्त में कई बड़ी और छोटी कंपनियां लाभांश का भुगतान करेंगी. इनमें से कुछ प्रमुख कंपनियों ने हाल ही में लाभांश की घोषणा की है:
- कोल इंडिया लिमिटेड: कंपनी ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ₹10 के अंकित मूल्य वाले शेयर पर ₹5. 50 प्रति इक्विटी शेयर के पहले अंतरिम लाभांश की घोषणा की है. यह भुगतान 30 अगस्त, 2025 तक किया जाएगा.
- एबीबी इंडिया: एबीबी इंडिया ने ₹2 के अंकित मूल्य वाले शेयर पर ₹9. 77 प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश की सिफारिश की है. इस अंतरिम लाभांश के लिए रिकॉर्ड तिथि 8 अगस्त, 2025 है और इसका भुगतान 31 अगस्त, 2025 तक या उससे पहले कर दिया जाएगा. मुनाफे में गिरावट के बावजूद कंपनी ने यह लाभांश घोषित किया है, जो निवेशकों को पुरस्कृत करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
- इसके अलावा, 31 जुलाई, 2025 को बीपीसीएल (₹5. 00 प्रति शेयर), कोफोर्ज (₹4. 00 प्रति शेयर), गोदरेज एग्रोवेट (₹11. 00 प्रति शेयर), यूनाइटेड ब्रुअरीज (₹10. 00 प्रति शेयर), आईजी पेट्रोकेमिकल्स (₹10. 00 प्रति शेयर), टीटीके प्रेस्टीज (₹6. 00 प्रति शेयर), बालकृष्ण इंडस्ट्रीज (₹4. 00 प्रति शेयर), जेके टायर (₹3. 00 प्रति शेयर), उषा मार्टिन (₹3. 00 प्रति शेयर), ग्रेनुअल्स इंडिया (₹1. 50 प्रति शेयर) और रामा फॉस्फेट्स (₹0. 25 प्रति शेयर) जैसी 21 कंपनियां एक्स-डिविडेंड पर कारोबार कर रही थीं.
लाभांश का शेयर बाजार पर असर
कंपनियों द्वारा लाभांश की घोषणा का शेयर बाजार पर सीधा असर पड़ता है. लाभांश की घोषणा से शेयर मूल्य में वृद्धि हो सकती है. नकद लाभांश का शेयर कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि निवेशकों को उनके निवेश के लिए तुरंत इनाम मिलता है. यह कंपनी की वित्तीय स्थिति में स्थिरता का संकेत देता है और उसकी सद्भावना और ब्रांड मूल्य को बढ़ाता है. ऐसी कंपनियां जो लगातार लाभांश का भुगतान करती हैं, वे अधिक निवेशकों को आकर्षित करती हैं, जिससे शेयरों की मांग बढ़ती है. हालांकि, एक्स-डिविडेंड तिथि पर अक्सर शेयर की कीमतों में गिरावट देखने को मिलती है, क्योंकि लाभांश का लाभ अब नए खरीदारों को नहीं मिलता.
निवेशकों के लिए लाभांश का महत्व
लाभांश निवेशकों के लिए कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं:
- आय का स्रोत: लाभांश निवेशकों को उनके निवेश पर एक नियमित आय प्रदान करते हैं.
- वित्तीय स्थिरता का संकेत: नियमित लाभांश भुगतान कंपनी के मजबूत वित्तीय स्वास्थ्य और स्थिरता का संकेत देता है.
- निवेशक विश्वास: यह कंपनी में निवेशक विश्वास को बढ़ाता है और नए निवेश को प्रोत्साहित करता है.
- लंबी अवधि का लाभ: लाभांश भुगतान करने वाली कंपनियों में निवेश दीर्घकालिक धन कमाने का एक शानदार तरीका माना जाता है, क्योंकि ऐसे स्टॉक नियमित लाभांश भुगतान के साथ-साथ शेयर मूल्य में वृद्धि दोनों के माध्यम से निवेशकों को दोहरा लाभ प्रदान करते हैं.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह लाभांश वितरण एक सकारात्मक संकेत है. यह कंपनियों के अच्छे वित्तीय प्रदर्शन को दर्शाता है और यह संकेत देता है कि उनके पास अपने शेयरधारकों के साथ मुनाफा साझा करने के लिए पर्याप्त पूंजी है. इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ सकता है और बाजार में तरलता आ सकती है, जो समग्र आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दे सकता है. भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है, और यह वृद्धि लाभांश वितरण के माध्यम से निवेशकों तक पहुंच रही है. हालांकि, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और कुछ बाहरी कारक, जैसे टैरिफ की घोषणाएं, भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार पर दबाव डाल सकते हैं. इसके बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था अपनी मजबूत बुनियाद और बढ़ती विदेशी निवेश के साथ आगे बढ़ रही है.
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