Bihar Dengue Cases पटना में महामारी का रूप लेने लगा है डेंगू, जांच कराने वाले 70 प्रतिशत मिल रहे संक्रमित
Bihar Dengue Cases पटना में महामारी का रूप लेने लगा है डेंगू, जांच कराने वाले 70 प्रतिशत मिल रहे संक्रमित
पटना। Bihar Dengue Cases: बिहार में डेंगू महामारी का रूप लेने लगा है। खासकर पटना में डेंगू के मरीजों की संख्या कोरोना के दौर की याद दिलाने लगी हैं। हालत यह है कि निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। पटना के सरकारी अस्पतालों में गुरुवार को डेंगू के 427 नए मामले सामने आए। निजी अस्पतालों और जांच केंद्रों में रोजाना ऐसे हजार से अधिक मामले आने का अनुमान है।
अब निजी अस्पतालों के आंकड़े भी लेगा स्वास्थ्य विभाग
पटना में डेंगू के मामले हर दिन नया रिकार्ड बना रहे है। सरकारी आंकड़ों में मरीजों का कुल आंकड़ा 2528 तक पहुंच गया है। इसमें निजी अस्पतालों के आंकड़े शामिल नहीं है। अब सिविल सर्जन कार्यांलय की ओर से शुक्रवार से निजी अस्पतालों व लैब से भी रिपोर्ट लेने की बात कहीं जा रही है।
पीएमसीएच में 70 प्रतिशत मरीज मिले संक्रमित
गुरुवार को केवल पीएमसीएच में 70 प्रतिशत केस पाजिटिव मिले। संस्थाान में हुए 205 जांचोंं में 145 पाजिटिव मिले। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में 64, एनएमसीएच में 52 मरीज पाजिटिव मिले। अस्पतालों में भी डेंगू मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। सभी वार्डों में मच्छरदानी की व्यवस्था की गई है।
डेंगू और मलेरिया के मरीज और बढ़ने की आशंका
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिसीन विभागाध्यक्ष डा. रवि कीर्ति एवं आइजीआइएमएस के डा. मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि वर्षा होने के कारण कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। ऐसे में मच्छरों का कहर बढ़ेगा। इससे डेंगू व मलेरिया मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होगी।
बच्चों को पूरी बांह और पैर वाला कपड़ा पहनाएं
डेंगू से बचाव के लिए बच्चों को पूरे बाह व पैर तक का कपड़ा पहनाएं। आसपास जल जमाव नहीं होने दें। यदि डेंगू हो जाएं तो डाक्टर के संपर्क में रहे। अपने आप कोई भी दवा नहीं लें। डाक्टर की सलाह से ही पारासिटामोल के अतिरिक्त दर्द निवारक दवाएं लें। डेंगू एक वायरस है। इस पर एंटीबायोटिक असरकारक नहीं है। इसकी कोई दवा नहीं है। यह निश्चित अवधि में ठीक होता है।
अधिक परेशानी होने पर भर्ती कराने की जरूरत
मरीज को ज्यादा परेशानी होने पर भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। इसमें पर्याप्त तरल का सेवन करें। पानी, दूध, सिकंजी, नारियल पानी, जूस आदि का सेवन करते रहे। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. दीपाली प्रसाद ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को ऐसे समय में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
source – jagran
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