Amitabh Kant ने दिया इस्तीफा, एक युग का अंत या नई संभावनाएं की ओर भारत

Amitabh Kant: अमिताभ कांत का इस्तीफा एक युग का अंत है, लेकिन उनकी नई यात्रा भारतीय स्टार्टअप और नीति निर्माण जगत के लिए नई संभावनाएं लेकर आ सकती है.

भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने 16 जून 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सरकारी सेवा में 45 साल का लंबा समय बिताया और अब अब अपने इस करियर को अलविदा कह दिया.

अमिताभ कांत ने जानकारी दी

अमिताभ कांत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X और LinkedIn पर पोस्ट करते हुए लिखा, “45 वर्षों की समर्पित सरकारी सेवा के बाद, मैंने नए अवसरों को अपनाने और आगे बढ़ने का निर्णय लिया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं कि उन्होंने मेरा इस्तीफा स्वीकार किया और मुझे देश के विकास में योगदान का अवसर दिया.”

अमिताभ कांत का करियर

केरल से अपनी यात्रा शुरू करने वाले अमिताभ ने “God’s Own Country” जैसे मशहूर पर्यटन अभियान को आगे बढ़ाया. उन्होनें कोझिकोड (कालीकट) में Mananchira मैदान का कायाकल्प, हवाईअड्डे का विस्तार और मछुआरा समुदाय के साथ काम किया.

अमिताभ कांत औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के सचिव के तौर पर Make in India, Startup India और Ease of Doing Business जैसे बड़े अभियान चलाए. इसके साथ ही NITI Aayog के CEO के रूप में उन्होंने भारत को नीति सुधारों की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ाया.

अमिताभ कांत उस पद को इसलिए छोड़ दिए क्योंकि अब वो स्टार्टअप्स, थिंक टैंक और नीति संस्थानों के साथ काम करके भारत की ट्रांसफॉर्मेशनल जर्नी में योगदान देना चाहते हैं.

G20 में क्या काम किया

भारत की अध्यक्षता वाले G20 शिखर सम्मेलन में उन्होंने नीतिगत समन्वय, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, और वैश्विक दक्षिण के पक्ष में एजेंडा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है. अमिताभ कांत की नई यात्रा भारतीय स्टार्टअप और नीति निर्माण जगत के लिए नई संभावनाएं लेकर आ सकती है.

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