AC खरीदते वक्त ‘टन’ पर नहीं, इस चीज पर करें गौर, बिजली बचेगी और कूलिंग भी जोरदार होगी
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अगर आप एयर कंडीशनर (AC) खरीदते समय सिर्फ ‘टन’ देखते हैं तो ये आपकी एक बड़ी गलती हो सकती है. क्योंकि इस एक गलती के कारण न केवल आपके बिजली का बिल बढ़ सकता है, बल्कि ये आपके घर की कूलिंग को भी प्रभावित कर सकती …और पढ़ें

हाइलाइट्स
- एसी खरीदते समय कूलिंग कैपेसिटी पर ध्यान दें.
- कूलिंग कैपेसिटी से बिजली बिल और कूलिंग पर असर पड़ता है.
- कूलिंग कैपेसिटी जितनी अधिक, एसी उतना प्रभावी.
नई दिल्ली. गर्मी अपने चरम पर है. आज का तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया है और आप अपने घर के लिए नया एसी लगाने की सोच रहे होंगे. आप सोच रहे होंगे कि 1-टन, 1.5-टन, या 2-टन एसी में से कौन सा लेना सही रहेगा. वैसे देखा जाए तो आपकी सोच बिल्कुल सही दिशा में है. क्योंकि एसी में टन कैपसिटी एक जरूरी फैक्टर है, लेकिन एक और छोटा पैरामीटर है जिसे हर एसी ब्रांड बताता है और हम अक्सर उसे नजरअंदाज कर देते हैं. इस पैरामीटर पर बहुत कुछ निर्भर करता है, जैसे कि बिजली बिल की बचत और अच्छी कूलिंग आदि. इसलिए चाहे आप किसी भी टन क्षमता का एसी चुन रहे हों, उसमें आपको हमेशा इसे चेक करना चाहिए.
क्या है AC कूलिंग कैपेसिटी?
कूलिंग कैपेसिटी, ये शब्द अपने आप में स्पष्ट है. एक उदाहरण के साथ समझिए- मान लीजिए आपने अपने घर के लिए 1.5 टन का एसी खरीदा है. अब, कूलिंग कैपेसिटी का मतलब है एसी की वह क्षमता जिससे वह आसपास के क्षेत्र को ठंडा कर सकता है. जितनी अधिक कूलिंग कैपेसिटी होगी, एसी उतना ही बेहतर और प्रभावी ठंडक देगा.
अगर आपके एसी की कूलिंग कैपसिटी कम है तो वो कमरे को ठंडा करने में ज्यादा वक्त लेगा और ज्यादा देर तक उसके कंप्रेशर पर लोड रहेगा. वहीं कूलिंग कैपसिटी अच्छी है, जैसे कि 3500W है या इससे ज्यादा 5000W है तो वह कमरा जल्दी ठंडा करेगा और इससे बिजली बिल भी कम होगा. कुल मिलाकर, एसी की कूलिंग क्षमता एक महत्वपूर्ण पहलू है, टन से भी ज्यादा। इसलिए, अगली बार जब आप नया एसी खरीदने जाएं, तो कूलिंग क्षमता जरूर जांचें.
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