90% भारतीय नहीं जानते रतन टाटा के इस बिजनेस का राज, जानने पर करने लगेंगे वाह-वाह
Tata Salt: टाटा समूह भारत का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित औद्योगिक घराना है, जिसकी शुरुआत 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी. इस समूह ने स्टील, ट्रक, आईटी, होटल, टेलीकॉम और रिटेल जैसे क्षेत्रों में जबरदस्त सफलता हासिल की है. लेकिन, भारत के करीब 90% लोग नहीं जानते हैं कि रतन टाटा ने नमक जैसे आम दिखने वाले प्रोडक्ट को भी एक मिशन के तौर पर अपनाया और उसे हर भारतीय की रसोई में क्यों पहुंचाया? आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
नमक बेचने का आइडिया कैसे आया?
रतन टाटा को नमक बेचने का विचार किसी व्यापारिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक भलाई को ध्यान में रखकर आया था. 1980 के दशक में भारत में आयोडीन की भारी कमी एक गंभीर समस्या थी, जिससे हजारों लोग घेंघा और मानसिक विकास में कमी जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे थे. उस समय देश में अधिकतर लोग खुले नमक का सेवन करते थे, जो न तो शुद्ध होता था और न ही उसमें जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते थे.
1983 में एक हेल्दी शुरुआत
1983 में टाटा केमिकल्स ने देश का पहला ब्रांडेड आयोडीन युक्त पैकेट वाला नमक बाजार में उतारा, जिसका नाम टाटा नमक रखा गया. यह कदम उस समय क्रांतिकारी साबित हुआ, क्योंकि लोगों को पहली बार ऐसा नमक मिला, जो शुद्ध होने के साथ-साथ आयोडीन से भरपूर था. इससे देशभर में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी और आयोडीन की कमी से जुड़ी बीमारियों में कमी आने लगी.
नमक से सेहत तक का सफर
टाटा नमक सिर्फ आयोडीन से भरपूर नहीं था, बल्कि समय के साथ इसमें आयरन जैसे अन्य पोषक तत्व भी जोड़े गए. इसके अलावा, टाटा नमक ने रक्तचाप नियंत्रित करने में भी संभावित भूमिका निभाई, जिससे यह सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि सेहत का भी प्रतीक बन गया.
1927 से 1983 तक की पृष्ठभूमि
हालांकि, टाटा समूह ने 1927 में गुजरात के ओखा में नमक उत्पादन की शुरुआत की थी, लेकिन खुदरा स्तर पर पैकेट में नमक बेचने की शुरुआत 1983 में हुई. उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि एक बड़ा औद्योगिक घराना एक बुनियादी जरूरत को इतनी गंभीरता से लेगा.
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आज हर घर में ‘देश का नमक’
टाटा नमक आज सिर्फ एक ब्रांड नहीं बल्कि भरोसे का नाम है. इसकी टैगलाइन ‘देश का नमक’ लोगों के दिलों में जगह बना चुकी है. यह कहानी न सिर्फ व्यापारिक समझदारी की मिसाल है, बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि एक उद्योगपति अगर चाहे तो समाज की सेहत सुधारने का भी माध्यम बन सकता है.
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