30,000 टैक्सपेयर्स ने की विदेशी संपत्ति और आय का किया खुलासा
CBDT Foreign Income Disclosure: आयकर विभाग के ‘ट्रस्ट फर्स्ट’ (Trust First) अभियान के तहत करदाताओं ने 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी संपत्ति और आय का खुलासा किया है. इस पहल का उद्देश्य करदाताओं को स्वैच्छिक अनुपालन के लिए प्रेरित करना था, जिससे 62% करदाताओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी.
सीबीडीटी ने 17 नवंबर 2024 से शुरू किया अभियान
सीबीडीटी (CBDT) की ओर से 17 नवंबर 2024 को शुरू किए गए इस अभियान के तहत करदाताओं को एसएमएस और ईमेल भेजकर अपनी विदेशी संपत्ति और आय को सही तरीके से घोषित करने के लिए प्रेरित किया गया.
सीबीडीटी की ओर से उठाया गया कदम
- 19,501 करदाताओं से सीधा संपर्क
- 24,678 करदाताओं ने अपने आईटीसी की समीक्षा की
- 5,483 करदाताओं ने देरी से रिटर्न दाखिल किए
- 6,734 करदाताओं ने अपनी आवासीय स्थिति संशोधित की
- 2,31,452 करदाताओं ने विदेशी संपत्ति और आय की घोषणा की
CBDT की ‘ट्रस्ट फर्स्ट’ पहल से बढ़ा स्वैच्छिक अनुपालन
सीबीडीटी ने करदाताओं के बीच भरोसा बनाए रखने के लिए किसी भी प्रकार की तत्काल कार्रवाई या सत्यापन नोटिस भेजने के बजाय, स्वैच्छिक अनुपालन को प्राथमिकता दी. इससे करदाताओं को अपनी आय और संपत्ति का सही तरीके से खुलासा करने का अवसर मिला. एक अधिकारी के अनुसार, “इस अभियान के तहत करदाताओं को दंडात्मक कार्रवाई से पहले अपने रिटर्न को सुधारने का अवसर दिया गया. इसका परिणाम यह रहा कि स्वैच्छिक अनुपालन में 45.17% की वृद्धि हुई.”
ऐसे मिली विदेशों में भारतीयों की संपत्तियों की जानकारी
आयकर विभाग को सामान्य रिपोर्टिंग मानक (CRS) और विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (FATCA) के तहत 125 से अधिक देशों से वित्तीय जानकारी मिलती है. भारत को 108 देशों से विदेशी खातों और आय के बारे में वित्तीय जानकारी प्राप्त हुई. अमेरिका के साथ भी FATCA समझौते के तहत सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है.
क्या कहता है यह अभियान?
सीबीडीटी का यह अभियान पारदर्शिता और सहयोग को बढ़ावा देकर, एक अनुपालन-अनुकूल कर प्रणाली विकसित कर रहा है. इससे करदाताओं को किसी भी औपचारिक सत्यापन से पहले अपने रिटर्न को सही करने का अवसर मिलता है, जिससे सरकार और करदाताओं के बीच विश्वास बढ़ता है. इस अभियान के तहत विदेशी संपत्ति का खुलासा करने वाले करदाताओं की संख्या 2021-22 में 60,000 थी, जो 2024-25 में बढ़कर 2,31,452 हो गई.
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सीबीडीटी का यह प्रयास न केवल करदाताओं को अपनी कर देनदारी सही करने का अवसर देता है, बल्कि सरकार को पारदर्शी कर प्रणाली स्थापित करने में मदद करता है। यह अभियान आने वाले वर्षों में कर अनुपालन और आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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