27 जून को सरकारी बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगी निर्मला सीतारमण, गवर्नमेंट स्कीम्स पर करेंगी चर्चा
Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 27 जून को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगी. इस बैठक में बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी. हाल ही में आरबीआई की ओर से रेपो रेट और सीआरआर में कटौती के बाद यह बैठक और महत्वपूर्ण हो गई है. पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई, एपीवाई और मुद्रा जैसी योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी.
Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 27 जून को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों के साथ एक अहम बैठक करेंगी. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा करना और विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति पर चर्चा करना है. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नीतिगत दरों में कटौती और नकदी बढ़ाने के लिए बड़े फैसले किए हैं.
आरबीआई के ताजा फैसले और प्रभाव
हाल ही में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को 0.5% घटाकर 5.5% कर दिया है. इसके साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 1% घटाकर 3% किया गया है, जिससे बैंकों के पास करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी. इस फैसले से बैंकों की कर्ज वितरण क्षमता में सुधार आने की उम्मीद है.
बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की होगी समीक्षा
सूत्रों के अनुसार, बैठक में वित्त मंत्री सीतारमण सार्वजनिक बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन और चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लक्ष्यों की समीक्षा करेंगी. साथ ही, उनसे यह अपेक्षा की जाएगी कि वे आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए उत्पादक क्षेत्रों को अधिक ऋण प्रदान करें. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर गिरकर चार साल के निचले स्तर 6.5% पर आ गई थी.
सरकारी योजनाओं पर विशेष फोकस
बैठक में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई), पीएम मुद्रा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड योजना जैसे सामाजिक सुरक्षा और कर्ज आधारित कार्यक्रमों की भी गहन समीक्षा की जाएगी. इन योजनाओं के लाभ को अधिक लोगों तक पहुंचाने के उपायों पर चर्चा होगी.
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बैंकों का रिकॉर्ड मुनाफा
वित्त वर्ष 2024-25 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल लाभ 1.78 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 26% अधिक है. यह बैठक उस पृष्ठभूमि में हो रही है, जब बैंक मजबूत वित्तीय स्थिति में हैं और सरकार उनसे आर्थिक सुधार में बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद कर रही है.
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