भारत-अमेरिका व्यापार समझौते का मसौदा तैयार, शर्तों के 19 अध्याय

India-US Trade Agreement: अमेरिका की ओर से लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ के बाद दोनों देशों के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते का मसौदा करीब-करीब तैयार हो गया है. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि इस प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए दोनों देशों की ओर से अंतिम रूप दिए गए संदर्भ शर्तों (टीओआर) में करीब 19 अध्याय को शामिल किया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इनमें शुल्क, सामान, गैर-शुल्क बाधाएं और सीमा शुल्क सुविधा जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है.

क्या है प्रस्तावित समझौते में?

  • शुल्क (Tariffs)
  • नॉन-टैरिफ बैरियर्स (Non-tariff Barriers)
  • सीमा शुल्क सुविधा (Customs Facilitation)
  • मूल नियम (Rules of Origin)
  • विनियामक मामले (Regulatory Issues)

सूत्रों के अनुसार, यह मसौदा दोनों देशों के बीच व्यापार को नई ऊंचाई देने की दिशा में अहम कदम है.

90 दिनों में अंतिम रूप देने का प्रयास

अमेरिका की ओर से लगाए गए ‘जवाबी शुल्क’ (Reciprocal Tariffs) पर 90 दिनों की रोक की अवधि में दोनों देश इस समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह अमेरिका की यात्रा पर जा रहा है.

भारतीय की ओर से अगुवाई करेंगे राजेश अग्रवाल

भारत की ओर से वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. उन्हें हाल ही में भारत के नए वाणिज्य सचिव के रूप में नामित किया गया है, और वे 1 अक्टूबर से पदभार ग्रहण करेंगे.

23 अप्रैल से वॉशिंगटन में आमने-सामने की वार्ता

भारत और अमेरिका के बीच आमने-सामने की पहली औपचारिक वार्ता 23 अप्रैल से वॉशिंगटन में शुरू होगी. यह तीन दिवसीय चर्चा समझौते की रूपरेखा, प्राथमिकताएं और क्रियान्वयन की योजना तय करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

दोनों पक्षों के बीच गतिशीलता बढ़ी

मार्च 2025 में अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच भारत दौरे पर आए थे और इस दौरान कई व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा हुई. इससे पहले दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच भी एक दौर की बातचीत हो चुकी है.

भारत की स्पष्ट नीति: व्यापार उदारीकरण की ओर

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने 15 अप्रैल को कहा था कि भारत, अमेरिका के साथ इस वार्ता को जल्द से जल्द समाप्त कर व्यापारिक रास्तों को खोलना चाहता है. भारत का फोकस अब व्यापार उदारीकरण (Trade Liberalization) पर है.

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क्या बनेगा 90 दिनों में नया व्यापारिक अध्याय?

अगर निर्धारित समयसीमा में सभी बिंदुओं पर सहमति बनती है, तो यह समझौता भारत-अमेरिका के आर्थिक रिश्तों को एक नया मुकाम दे सकता है और द्विपक्षीय व्यापार को मजबूती प्रदान करेगा.

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