बिहार के सरकारी स्कूलों में उगाई जाएंगी हरी सब्जियां, बच्चों का कुपोषण होगा दूर

Poshan Vatika Bihar: बिहार सरकार ने कुपोषण से लड़ने और छात्रों को पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने के लिए एक अनूठी पहल की है. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में ‘पोषण वाटिका’ की स्थापना की जाएगी. यह पहल ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजना के तहत लागू की जाएगी.

मनरेगा आयुक्त की पहल

मनरेगा आयुक्त अभिलाषा कुमारी शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित एक ऑनलाइन कार्यशाला में इस योजना पर चर्चा की गई. कार्यशाला में बताया गया कि पहले चरण में प्रत्येक प्रखंड में एक पोषण वाटिका स्थापित की जाएगी. इसके लिए ऐसे सरकारी स्कूलों को चुना जा रहा है, जिनमें चारदीवारी और चापाकल की सुविधा हो.

जैविक खाद और पौधों की तैयारी

पोषण वाटिका के लिए जैविक खाद तैयार करने हेतु नाडेप टैंक बनाए जाएंगे. इन वाटिकाओं में पोषण से भरपूर फलों और सब्जियों के पौधे लगाए जाएंगे, जिनमें आंवला, सहजन, नींबू, अमरूद, आम, जामुन, कटहल, अनार, लीची, और सीताफल शामिल हैं.

महिलाओं और ग्रामीणों को रोजगार

इस योजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होगा. पौधों की खरीद स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा संचालित नर्सरियों से की जाएगी. इसके अलावा, स्थानीय ग्रामीणों को ‘वन पोषक’ के रूप में नियुक्त किया जाएगा, जो अगले 5 वर्षों तक पौधों की देखभाल और रखरखाव का कार्य करेंगे.

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मध्याह्न भोजन में सुधार

पोषण वाटिका के जरिए स्कूलों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में सुधार होगा. इस पहल से न केवल बच्चों को पोषणयुक्त आहार मिलेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

यह योजना शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से लागू की जा रही है, जिसमें यूनिसेफ के पोषण विशेषज्ञों का भी योगदान है. यह कदम बिहार में शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगा.

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