एक साल में इस बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने दिया 31 फीसदी से ज्यादा रिटर्न
Mutual Fund: बैंक डिपॉजिट, पीपीएफ या निवेश के अन्य सभी साधनों को पीछे छोड़ते हुए एक्सिस म्यूचुअल फंड के बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने एक साल में 31 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. यानी अगर आपने 10,000 रुपये का निवेश किया है तो आज वो 13000 रुपये से ज्यादा होगा.
एक्सिस फंड के बैलेंस्ड एडवांटेज फंड की शुरुआत एक अगस्त 2017 को हुई थी और अब इसने सात साल पूरे कर लिए हैं. इसमें आप एकमुश्त और एसआईपी के जरिये 100 रुपये से और उसके बाद उसके गुणक में निवेश कर सकते हैं. इसका एयूएम 2,466 करोड़ रुपये है.
एक्सिस के बैलेंस्ड एडवांटेज फंड के एक साल के 31 फीसदी से ज्यादा रिटर्न की तुलना में इसके बेंचमार्क निफ्टी 50 हाइब्रिड कंपोजिट ने केवल 17.68 फीसदी का रिटर्न दिया है. तीन साल में चक्रवृद्धि यानी सीएजीआर की दर से इस फंड का रिटर्न 15 फीसदी से अधिक रहा है.
इसी दौरान अन्य फंड हाउसों का रिटर्न देखें तो निप्पॉन के बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने एक साल में 28 फीसदी का रिटर्न दिया है. बिरला के फंड ने 25 फीसदी, एसबीआई बैलेंस्ड ने 25 फीसदी, कोटक बैलेंस्ड ने 24 फीसदी और टाटा बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने केवल 23 फीसदी का रिटर्न दिया है.
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड एसेट अलोकेशन के लिए फंड डायनामिक अप्रोच का पालन करता है. इसके लिए बैलेंस्ड एडवांटेज फंड सिस्टैमैटिक नियम आधारित मॉडल का उपयोग करता है जो इक्विटी अलोकेशन को समयानुसार समाहित करता है. यह एक इन हाउस प्रोसेस है जिसकी मदद से फंड मैनेजर इक्विटी में निवेश कर पाता है. यह फंड इक्विटी या फिक्स्ड इनकम में शून्य से 100 फीसदी तक निवेश करता है.
एक्सिस म्यूचुअल फंड के इक्विटी फंड मैनेजर जयेश सुंदर कहते हैं कि एक्सिस बैलेंस्ड एडवांटेज फंड इक्विटी आवंटन के लिए एक गतिशील रणनीति अपनाता है, जिसमें उचित मूल्यांकन पर मजबूत विकास क्षमता वाली कंपनियां शामिल होती हैं. यह फंड निवेश के लिए मॉडल आधारित मूल्यांकन को देखता है. जिसके जरिये जोखिम का पता चलता है.
एक एसेट अलोकेशन कमिटी है जो मासिक रूप से निवेश की समीक्षा करती है और घटनाओं के आधार पर निवेश का निर्णय लिया जाता है. यह फंड रिबैलेंसिंग के लिए पांच फैक्टर का पालन करता है. इसमें प्रमुख रूप से वैल्यूएशन, अर्निंग, वैश्विक और घरेलू स्तर पर मैक्रो स्थितयां रुझान और वैश्विक घटनाएँ आदि हैं.
फंड का फिलहाल लार्जकैप में 77.6 फीसदी निवेश है जबकि मिडकैप में 13.1 और स्माल कैप में 9.4 फीसदी का निवेश है. टाप 10 सेक्टर्स की बात करें तो वित्तीय सेवाएं, आईटी, हेल्थकेयर, तेल एवं गैस, ऑटोमोबाइल एवं इसके कलपुर्जे, एफएमसीजी, कैपिटल गुड्स, केमिकल और अन्य हैं.
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