इस दिन मनाई जाएगी साल की दूसरी पुत्रदा एकादशी, जानें इसकी तिथि

हिंदू धर्म में पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है. यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए अमोघ माना जाता है.हर साल दो बार यह एकादशी मनाई जाती है. पहली माघ मास में और दूसरी श्रावण मास में. पुत्रदा एकादशी का व्रत दंपतियों के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है. इस दिन विधिपूर्वक श्रीहरि विष्णु की पूजा और उपवास करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है.

इस वर्ष यानी 2025 की पहली पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी को थी. अब दूसरी पुत्रदा एकादशी अगस्त में पड़ रही है.इसका आरंभ 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर होगा और इसका समापन 16 अगस्त को सुबह 9 बजकर 39 मिनट पर होगा. व्रत रखने वाले भक्त 17 अगस्त को सुबह 5 बजकर 51 मिनट से लेकर 8 बजकर 5 मिनट के बीच व्रत का पारण कर सकते हैं.

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पुत्रदा एकादशी का महत्व

पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व पद्म पुराण और श्रीमद्भागवत पुराण में भी बताया गया है. मान्यता है कि जो दंपति इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करते हैं, उनके जीवन में संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु के बाल रूप की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है और व्रती के समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं.

पुत्रदा एकदेशी पूजा विधि

पुत्रदास एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे और स्थान कर साफ वस्त्र धारण करें ,सूर्य देव को जल अर्पित करें चौकी पर पीला वस्त्र बिछाए और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करें उनका अभिषेक करें पीला वस्त्र अर्पित कर मां लक्ष्मी को 16 श्रृंगार चढ़ाई देसी घी का दीपक जलाकर धनिया की पंजीरी पंचामृत पीले फल और मिठाई का भोग लागए साथ ही फल और मिठाई का भी भोग शामिल कर सकते हैं पूजा के दौरान मंत्रो और पाठ करें ,अंत लोग में प्रसाद का वितरण करें.

पुत्रदा एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट

  • चौकी
  • पीला कपड़ा
  • दीपक
  • आम के पत्ते
  • कुमकुम
  • फल
  • फूल
  • मिठाई
  • अक्षत
  • पंचमेवा
  • धूप
  • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा

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