आईटी हब बनेगा बंदरगाहों का शहर, सिर्फ 99 पैसे में मिली 21.16 एकड़ जमीन
TCS: बंदरगाहों का शहर विशाखापत्तनम अब आईटी हब बनेगा. देश के दिवंगत दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा की सर्विस प्रोवाइडर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को आंध्र प्रदेश सरकार ने विशाखापत्तनम को एक प्रमुख आईटी हब में बदलने के लिए 21.16 एकड़ जमीन मात्र 99 पैसे की कीमत पर आवंटित करने को मंजूरी दे दी है. यह फैसला राज्य सरकार और आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टीसीएस के बीच कई महीनों की गहन चर्चा के बाद आया है.
आईटी मंत्री का विजन और दावोस की प्रेरणा
अंग्रेजी की वेबसाइट मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, विशाखापत्तनम को आईटी हब बनाने का प्रस्ताव पहली बार अक्टूबर 2024 में आईटी मंत्री नारा लोकेश द्वारा मुंबई में टाटा मुख्यालय की यात्रा के दौरान रखा गया था. मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लिया. उन्होंने इस फैसले को ‘आईटी क्रांति की शुरुआत’ बताया है. उनका कहना है कि विशाखापत्तनम में टीसीएस की स्थापना से इस बंदरगाह शहर को वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर लाने में मदद मिलेगी.
10,000 नौकरियां देगी टीसीएस
टीसीएस अगले 90 दिनों में विशाखापत्तनम में अपने ऑपरेशन की शुरुआत करेगी. द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विशाखापत्तनम में टीसीएस किराए की इमारत से शुरुआत करेगी, जब तक कि कंपनी की स्थायी फैसिलिटी बनकर तैयार नहीं हो जाती. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह स्थायी परिसर तैयार होने में कम से कम 2-3 लग जाएंगे और इसमें करीब 10,000 प्रोफेशनल्स को जॉब मिलेगी.
‘साणंद मोमेंट’ की तुलना
एक सरकारी अधिकारी ने इस फैसले को गुजरात के साणंद में टाटा मोटर्स को जमीन आवंटन की घटना से जोड़ते हुए कहा, “यह आंध्र प्रदेश का साणंद मोमेंट है.” यह फैसला राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और तकनीकी कंपनियों को आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा है.
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5 लाख आईटी नौकरियों का लक्ष्य
राज्य सरकार का उद्देश्य अगले पांच सालों में आईटी सेक्टर में कम से कम 5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना है. इसके लिए सरकार दूसरी प्रमुख टेक कंपनियों से भी बातचीत कर रही है, ताकि विशाखापत्तनम को भारत का अगला टेक्नोलॉजी हब बनाया जा सके. यह फैसला न केवल आंध्र प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि भारत के तकनीकी भविष्य की दिशा भी तय कर सकता है.
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